कोरबा में मिली दुर्लभ मछली: बड़ा मुंह और चार आंखें, ग्रामीण ने चमत्कार मान किया ये काम, देखने उमड़ी भीड़
छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक ग्रामीण को तालाब में एक दुर्लभ मछली मिली। ये मछली अन्य मछली की तुलना में असामान्य थी। जिसका बड़ा मुंह और चार आंखें थी।
हरदी बाजार इलाके के ग्राम सराईसिंगार के राधासागर तालाब में एक दुर्लभ और अजीबोगरीब मछली मिली है। जिसकी चार आंखें हैं और असामान्य रूप से बड़ा मुंह है। इस मछली को देखने के लिए गांव और आसपास के लोग उमड़ पड़े हैं। बताया जा रहा है कि चार आंखें होना और असामान्य रूप से बड़ा मुंह होना, उल्लू जैसी बनावट होना। ये ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना रहा। ग्रामीणों का मानना है कि यह मछली कोई साधारण प्राणी नहीं है, बल्कि चमत्कारिक और दैवीय शक्ति से युक्त है। लोगों में इस मछली को देखने के लिए भारी उत्साह है।
यह घटना ग्राम सराईसिंगार में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग इस मछली को देखने के लिए उत्सुक हैं।आस पास के गांव से लोग देखने भी आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सराई सिंगार राधासागर तालाब में चार आंखों वाली दुर्लभ मछली मिला है।
मछली पकड़ने के दौरान मिली यह अजीबोगरीब मछली
स्थानीय निवासी भंगू निर्मलकर तालाब में नहाने गया हुआ था। इस दौरान मछली पकड़ने लगा। तभी उन्हें एक ऐसी मछली मिला। जिसकी बनावट ने सबको हैरान कर दिया। रात होने के कारण भंगू मछली को अपने घर ले गए। सुबह जैसे ही इस अनोखी मछली की खबर फैली, गांव और आसपास के लोग इसे देखने के लिए उनके घर उमड़ पड़े।
वहीं मछली पालन करने वाले एक्सपर्ट की मानें तो लोग इसे एक्वेरियम में रखते हैं और पालते हैं। जहां इसका साइज बड़ा होने पर लोग तालाब या नदी में डाल देते हैं। जहां इसे देख जाने पर लोगों को दुर्लभ प्रजाति का मछली लगने लगता है। तालाब या डैम में छोड़ देते हैं। कॉमन है। लेकिन सामान्य रूप से यह मछली तालाब नदी या फिर अन्य जगह पर नहीं मिलता।
मछलियों में कई प्रजातियां होती हैं और कई प्रकार की मछली होती है। जिसे कुछ मछलियों को पालकर बड़ा किया जाता है। लेकिन उसे खाया नहीं जा सकता क्योंकि उसमें अलग प्रकार के केमिकल पाए जाते हैं। जिसके खाने से लोग बीमार भी पढ़ सकते हैं।